नगर निगम हाउस ने सोमवार को प्रधानमंत्री अावास योजना अर्बन के अधीन अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग कॉम्प्लेक्स बनाने के एजेंडे को अप्रूवल दे दी। सस्ते मकान बनाने के लिए जमीन तय करने को सात सदस्यीय कमेटी गठित की गई है। कमेटी के चेयरमैन एडिशनल कमिश्नर टू होंगे जबकि चीफ इंजीनियर एमसी, एसई बीएंडआर एमसी, एक्सईएन रोड टू इसके सदस्य और एसडीओ सब डिविजन नंबर-8 कन्वीनर होंगे। इसमें दो काउंसलर भी सदस्य होंगे। इनके नाम मेयर फाइनल करेंगी।
कमेटी मनीमाजरा, मलोया या किसी अन्य गांव में जमीन देखेगी। जमीन एमसी की होगी। मकान प्राइवेट बिल्डर्स बनाएगा। बिल्डर्स ही मकानों का 25 साल तक रेंट लेगा। योजना के तहत सिंगल बेड रूम 30 वर्ग मीटर और डबल बेड मकान 60 वर्ग में बनाए जाएंगे। कमिश्नर केके यादव ने हाउस को बताया कि मिनिस्ट्री ऑफ हाउसिंग एंड अर्बन डेवलपमेंट की ओर से प्रधानमंत्री अावास योजना-अर्बन के अधीन दो टाइप की अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग स्कीम हैं। इसमें एक स्कीम बने हुए मकानों को रेंट पर देने की है।
रिहैबिलिटेशन स्कीम के तहत मलोया गांव में हाउसिंग बोर्ड के मकान हैं। इनमें से 2500 मकान बगैर अलॉटमेंट के पड़े हैं। उन मकानों को स्कीम के तहत अलॉट किया जाएगा। लोकल बॉडीज के जरिए शामलात या मौजूद जमीन पर भी अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग कॉम्प्लेक्स बनाने का प्रपोजल है। स्कीम में एमसी को अपने यहां जमीन पर अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग कॉम्प्लेक्स बनाना होगा। इसमें आर्थिक रूप से कमजोर, एलआईजी कैटेगरी जिसमें इंडस्ट्रियल वर्कर्स ,माइग्रेंट वर्किंग विद मार्केट्स, ट्रेड एसोसिएशन्स, एजुकेशनल, हेल्थ इंस्टीट्यूट्स, हॉस्पिटैलिटी सेक्टर, लॉन्ग टर्म टूरिस्ट और स्टूडेंट्स को सस्ते में रेंट पर आवास दिए जा सकेंगे।
इन्हें बनाने के लिए एमसी को जमीन देनी होगी। भाजपा काउंसलर गुरप्रीत सिंह ढिल्लों ने कहा कि यह कॉलोनियों का मामला नहीं, इसलिए मेंबर भी कॉलोनी वाला नहीं बन सकता है। काउंसलर चंद्रावती शुक्ला ने कहा कि दो काउंसलर मेंबर में कॉलोनी वालों को शामिल किया जाना चाहिए। काउंसलर शक्ति प्रकाश देवशाली ने कहा कि स्कीम अच्छी है, इससे रेंट पर रहने वाले लोगों को फायदा मिलेगा। कांग्रेस काउंसलर सतीश कैंथ ने कहा कि एमसी की ओर से कॉम्प्लेक्स बनाए जाने से काफी लोगों को सस्ते रेंट पर मकान उपलब्ध हो सकेंगे।
पेट्रोल और डीजल के खर्च में होगी 20 फीसदी की कटौती...
एमसी के अफसर गाड़ियां पूल पर चलाएं। गाड़ियों के पेट्रोल और डीजल में 20 फीसदी कटौती की जाएगी। नया कोई वाहन नहीं खरीदा जाएगा। नगर निगम कम्युनिटी सेंटर और ट्यूबवेल एवं बूस्टर पंप पर एटीएम बैंक के लिए जमीन देगा। वहीं कम्युनिटी सेंटर के अंदर और बाहर एग्जीबिशन लगाने वालों को स्पेस दिया जाएगा। एमसी का एमओएच डिपार्टमेंट होटल, इटिंग जॉइंट ,रेस्टोरेंट और स्कूल से एनओसी के चार्जेज वसूलेगा।
फूड लाइसेंस ऑफ एफएसएसएआई से 3 हजार सालाना, एफएसएसएआई रजिस्टर्ड से एक हजार रुपए, प्राइवेट स्कूल से 5 हजार रुपए लिए जाएंगे। एमओएच की ओर से दी जाने वाली एनओसी एक साल तक वैलिड होगी। जिसके पास एनओसी नहीं होगी। उससे 10 टाइम चार्जेज वसूले जाएंगे।
इससे एमसी को सालाना 8 से 10 करोड़ की इनकम होगी। कोविड सैस शराब पर 5 फीसदी लगा हुआ है। इस संबंधी 21 मई को नोटिफिकेशन जारी हुई है। 24 अगस्त तक कोविड सैस 7 करोड़ आ चुका है। इसका अकाउंट अलग से बैंक में बनाया हुआ है। इस हेड में 20 करोड़ खर्च होगा। इसे हाउस ने अप्रूवल दे दी।
हैज लगाने वालों पर 25 रुपए 100 वर्ग फुट चार्जेज लगेंगे...
घरों आगे वी सिक्स और फाइव रोड आगे हैज लगाने वालों से 250 रुपए प्रति 100 वर्ग फुट की परमिशन दी जाएगी। यह एजेंडा 21 साल पहले पास हुआ है। एमसी के पास लाइसेंसिंग अफसर है जबकि पहले चीफ एडमिनिस्ट्रेटर से परमिशन लेनी होती थी। एजेंडा के आने पर निगम कमिश्नर ने कहा कि हाउस में 1999 में एजेंडा पास हुआ है। उसमें 25 रुपए प्रति 100 वर्ग फुट हैज लगाने की परमिशन लेनी थी।
परमिशन चीफ एडमिनिस्ट्रेटर से लेनी होती थी। इस लिए ऐसी परमिशन केवल 18 ही लोगों द्वारा ली गई है। हाईकोर्ट के ऑर्डर पर एमसी की ओर से सेक्टर 19 में वी फाइव और सिक्स रोड पर घरों आगे लगी हैजिज हटाई गई थी। मामला कोर्ट में चला गया। फीस 25 रुपए 100 वर्ग फुट से बढ़ाकर 250 रुपए किया जाए। जिनके पास परमिशन नहीं होगी उनकी एमसी के रोड विंग द्वारा चेकिंग की जाएगी। उन पर जुर्माना लगेगा और सजा भी हो सकेगी।
डिफॉल्टर्स को राहत, पानी का बिल जमा करवाने पर मिलेगी छूट...
शहर में पानी के बिल के 41 करोड़ 60 लाख 11 हजार 804 रुपए डिफॉल्टर्स के पास फंसे हैं। रिकवरी के लिए निगम ने अब डिफॉल्टर्स को छूट देने का फैसला लिया है। लंबित बिल एक बार में जमा करने पर 10 फीसदी, दो किस्तों में जमा करने पर सात और तीन किस्तों में जमा करने पर 5 फीसदी छूट मिलेगी। इसको लेकर हाउस में प्रस्ताव पारित किया गया। कमिश्नर ने कहा कि नोटिफिकेशन होने के तीन महीने के अंदर डिफॉल्टर बकाया जमा करवा सकेंगे। भाजपा काउंसलर फरमिला ने कॉलोनियों और गांव के लोगों के पानी के बिल माफ करने की मांग हाउस में रखी।
कहा कि कोविड के चलते कई महीने तक कोई काम धंधा नहीं हुआ है। ऐसे में लोग बिल जमा नहीं करवा पा रहे हैं। कांग्रेसी काउंसलर शीला देवी ने कहा कि कॉलोनियों में गरीब लोग रहते हैं वे कोरोना के चलते घरों में रहे। इसके कारण उनके पानी बिल माफ किए जाएं। कमिश्नर ने कहा कि किसी का बिल माफ नहीं किया जा सकता है। निगम उन्हें बिल चुकाने में सिर्फ राहत दे सकता है।
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