पूर्व राष्ट्रपति और भारत रत्न प्रणब मुखर्जी पंजाब यूनिवर्सिटी की कन्वोकेशन में चीफ गेस्ट के तौर पर वर्ष 2015 में आए थे। उन्होंने नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी को ऑनरेरी डॉक्टरेट की उपाधि दी थी। वीसी प्रो. राजकुमार ने उनके निधन पर अफसोस प्रकट किया है। पूर्व वाइस चांसलर प्रो. अरुण ग्रोवर ने कन्वोकेशन की यादों को साझा किया है।
डॉ. ग्रोवर ने कहा कि वह कन्वोकेशन बहुत खास थी। वर्ष 2013 और 2014 में लगातार यूनिवर्सिटी टाइम्स हायर एजुकेशन की रैंकिंग में बेस्ट यूनिवर्सिटी ऑफ इंडिया गिनी गई थी। 14 मार्च को हुई कन्वोकेशन में उस समय नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी, गणितज्ञ और फील्ड मेडल विजेता मंजुल भार्गव, वर्ल्ड फूड प्राइज विनर और हरित क्रांति के जनक प्रोफेसर एमएस स्वामीनाथन को सम्मानित किया गया था।
साहित्य रत्न अवाॅर्ड दिया गया था मशहूर शायर गुलजार को। उद्योग रत्न अवॉर्ड एसके मुंजाल को और विज्ञान रत्न अवाॅर्ड प्रोफेसर आमोद गुप्ता को दिया गया। यह संभवत पहला मौका था कि इतनी बड़ी हस्तियां एक साथ स्टेज पर थी। यदि पंजाब यूनिवर्सिटी के आजादी के बाद वाले समय की स्थापना को गिना जाए तो यह संभव था गोल्डन जुबली कन्वोकेशन थी। ग्रोवर ने कहा कि यह उनके लिए सम्मान की बात थी कि वह अपने मात्र इंस्टीट्यूट में स्तर का प्रोग्राम करा सके और तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से रूबरू हुए।
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