अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की पंजाब यूनिवर्सिटी इकाई ने सोमवार को वाइस चांसलर ऑफिस पर प्रोटेस्ट किया। वे करीब 25 दिन से धरने पर बैठे हुए हैं। उनकी मांग है कि यूनिवर्सिटी बाकी सभी चार्जेस को छोड़कर स्टूडेंट से सिर्फ ट्यूशन फीस ले और फीस जमा कराने के लिए स्टूडेंट्स को दो की बजाय चार इंस्टॉलमेंट का मौका दिया जाए।
एबीवीपी के कोऑर्डिनेटर जतिन सिंह ने कहा कि यूनिवर्सिटी प्रशासन को आपसी राजनीति को छोड़कर स्टूडेंट्स के मसले को पहले याद रखना चाहिए। वह सीनेट और सिंडिकेट के पैनल की राजनीति में उलझे हुए हैं। सेक्रेटरी प्रिया शर्मा ने कहा कि कोरोना के काल में भी स्टूडेंट्स अपने डिमांड को लेकर यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर ऑफिस पर बैठे हैं और उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है, यह शर्मनाक है।
उन्होंने कहा कि यदि वीसी उनसे नहीं मिले तो वह उनके घर में घुसकर प्रोटेस्ट करेंगे। स्टूडेंट्स काफी समय तक नारेबाजी करते रहे बाद में वाइस चांसलर तो नहीं लेकिन डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर प्रोएस के तोमर मौके पर पहुंचे और उन्होंने स्टूडेंट्स को समझाया कि फीस के मसले पर सोमवार को ही मीटिंग रखी गई है और मंगलवार को इस कमेटी के मिनट्स अप्रूव होने के बाद उनको यह जानकारी दे दी जाएगी कि स्टूडेंट भलाई के लिए क्या प्रयास किए जा रहे हैं। कहा कि यदि जल्द सुनवाई नहीं हुई तो वह उग्र प्रदर्शन करेंगे।
हर सेंटर पर मास्क और सेनीटाइजर लेकर खड़ी होगी एनएसयूआई... जेईई और नीट के एग्जाम का विरोध कर रही नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया के मनोज लुबाना और राहुल कुमार के धरने को पुलिस ने सोमवार को जबरन उठा दिया। वह 2 दिन से भूख हड़ताल पर थे। इन दिनों महामारी एक्ट लागू होने के कारण किसी भी तरह के धरने और प्रदर्शन पर रोक है।
धरना उठाए जाने के बाद एनएसयूआई ने फैसला किया है कि वह एंट्रेंस टेस्ट के लिए बनने वाले सभी सेंटरों पर मास्क और सैनिटाइजर बाटेंगे। इसके अलावा स्टूडेंट्स को ट्रांसपोर्ट की सुविधा थी अपने संगठन की ओर से उपलब्ध कराएंगे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार इस मुद्दे पर राजनीति कर रही है और स्टूडेंट्स की जिंदगी को दांव पर लगाया जा रहा है।
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