पीजीआई ने 13 साल के बच्चे कृष्णा का कोरोना काल में हार्ट ट्रांसप्लांट कर मिसाल कायम की। इस कोरोना काल में पीजीआई में हार्ट ट्रांसप्लांट की एक ही सर्जरी हुई है। इस जटिल सर्जरी के पांच दिन बाद ही यह बच्चा कोरोना पॉजिटिव हो गया था। इसके बाद उसे कोविड-19 न्यू नेहरू हॉस्पिटल में शिफ्ट करना पड़ा। यहां पर कार्डियक सर्जन और कोविड-19 के डॉक्टर्स ने मिलकर कृष्णा का इलाज किया। नतीजा सोमवार को कृष्णा ठीक होकर अपने घर को रवाना हो गया।
कृष्णा ने न सिर्फ दिल की बीमारी, बल्कि कोरोना जैसी महामारी पर जीत हासिल की है। इसमें पीजीआई के डॉक्टर्स का विशेष योगदान रहा। सोमवार को पीजीआई से डिस्चार्ज होते समय कृष्णा की मां मधु के चेहरे पर खुशी जाहिर हो रही थी। क्योंकि उसका लाडला आज उनके साथ हंस-खेल रहा था। डॉक्टर ऑर स्टाफ ने कृष्णा को पोस्टर और कार्ड देते हुए उसकी लंबी उम्र की प्रार्थना की। सेक्टर-30 में रहने वाला कृष्णा एसडी पब्लिक स्कूल में 8वीं का स्टूडेंट है।
31 दिन चला कोविड सेंटर में इलाज...
हार्ट ट्रांसप्लांंट के बाद कोविड पॉजिटिव होने के बाद कृष्णा 31 दिन कोविड-19 न्यू नेहरू हॉस्पिटल में दाखिल रहा। सोमवार को पीजीआई कोविड-19 सेंटर से कोविड सेंटर के इंचार्ज प्रो. विपन कौशल व उनकी टीम ने कृष्णा को नया जीवन मिलने पर बधाई दी। कृष्णा अब पूरी तरह से ठीक है। पीजीआई डायरेक्टर प्रोफेसर जगतराम और डीन जीडी पुरी ने बताया कि इस समय हार्ट ट्रांसप्लांट करना मेडिकल साइंस के लिए एक बड़ी चुनौती है। ऐसी स्थिति में पीजीआई के डॉक्टर्स ने उस चुनौती को सफलतापूर्वक पूरा किया है।
दिल की बीमारी के कारण किया था दाखिल...
दिल की बीमारी के कारण कृष्णा काफी समय से बीमार था। कोरोना काल के दौरान हालत बिगड़ गई। उसे पीजीआई के कार्डियक सेंटर में दाखिल कराया गया। यहां उसकी किस्मत ने साथ दिया और उसे एक ब्रेन डेड पेशेंट का दिल मिल गया। 24 जुलाई को ट्रांसप्लांट हुआ। इसके 6 दिन बाद कार्डियक सेंटर में उसे कोरोना हो गया।
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