पीयू के लॉ कोर्स में दाखिला लेने के इच्छुक स्टूडेंट्स ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। स्टूडेंट्स की तरफ से कोर्ट में कहा गया कि पीयू 3 वर्षीय लॉ कोर्स के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित कर रहा है, जबकि 5 वर्षीय कोर्स के लिए कोई प्रवेश परीक्षा नहीं ली जा रही। ऐसे में उनके जैसे 5 वर्षीय कोर्स में दाखिला लेने के इच्छुक स्टूडेंट्स का भविष्य प्रभावित होगा।
जस्टिस एस मुरलीधर और जस्टिस अवनीश झींगन की खंडपीठ ने याचिका पर प्राथमिक सुनवाई के बाद पीयू से पूछा है कि 3 साल के लॉ कोर्स में दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित की जा रही है या नहीं। 12वीं कक्षा पास करने के बाद 5 वर्षीय लाॅ कोर्स में दाखिला लेने के इच्छुक स्टूडेंट की तरफ से याचिका दायर कर कहा गया कि पीयू ने 5 वर्षीय लॉ कोर्स में दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा खारिज कर दी है।
जबकि 3 वर्षीय लॉ कोर्स में प्रवेश परीक्षा करवाई जा रही है। याचिका में मांग की गई कि 5 वर्षीय कोर्स के लिए भी प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाए। प्रवेश परीक्षा न करवाने से उनके जैसे कई स्टूडेंट्स जो इसकी तैयारी कर रहे थे, वे दाखिले से वंचित रह जाएंगे। यूजीसी के निर्देशों के मुताबिक भी स्टूडेंट्स की फाइनल ईयर परीक्षा कराए जाने पर जोर दिया जा रहा है। कहा जा रहा है कि फाइनल ईयर परीक्षा न कराने पर स्टूडेंट्स का भविष्य प्रभावित होगा।
सभी फाइनल परीक्षाओं पर फिलहाल रोक...
हाईकोर्ट ने फिलहाल पीयू की फाइनल ईयर की परीक्षाओं पर छात्रों को राहत जारी रखते देते हुए परीक्षाओं पर रोक लगा रखी है और केस की सुनवाई अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर रखी है। हाईकोर्ट ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट में इससे जुड़ा मामला विचाराधीन है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद हाईकोर्ट इस मामले पर सुनवाई करेगा। इस दौरान फाइनल परीक्षाओं पर रोक जारी रखने का अंतरिम आदेश बना रहे।
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