Saturday, 31 October 2020

376 डेंगू मरीजाें में 316 शहरी क्षेत्र से, गांवों से 60 पॉजिटिव, निगम की लापरवाही शहरवासियों पर भारी

कोरोना के साथ अब डेंगू का डंक भी लोगों को परेशान करने लगा है। शहर में डेंगू मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ रही है। सरकारी अस्पतालों के साथ प्राइवेट अस्पतालों में मरीजों की भीड़ लगी है। इसके बावजूद शासन-प्रशासन की नींद नहीं टूटी। जिले में करीब दो माह पूर्व ही डेंगू ने शहर में दस्तक दे दी थी। इसका कहर अभी भी जारी है। इसके बावजूद एंटी लार्वा स्प्रे कराकर लोगों को इस घातक बीमारी से बचाने के उपाय नहीं किए जा रहे हैं।

पद पर बैठे लोगों को यहां तक पता नहीं है कि कहां-कहां से डेंगू के मरीज अस्पतालों में इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। सिर्फ सिविल अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचे मरीजों का ही डाटा सेहत विभाग के पास है। वहीं जिस विभाग की लार्वा नष्ट करने की जवाबदेही है, उसके पास राशि का अभाव है। जहां पर मलेरिया विभाग के मुख्य अफसर भी बैठते हैं, वहां का इलाका भी डेंगू से नहीं बचा है।

नगर निगम भी फॉगिंग के नाम पर सिर्फ बयानबाजी तक ही सीमित है। गिने-चूने इलाके में ही फॉगिंग कराई जा रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि नगर निगम द्वारा सिर्फ शेड्यूल जारी किया जाता है, अगले दिन फॉगिंग शुरू की जाती है, फॉगिंग करने वाले कर्मचारी मनमर्जी अनुसार तेज रफ्तार गाडी से धुंआ उड़ाते हुए निकल जाते हैं। यही कारण है कि बठिंडा शहरी क्षेत्र में 316 डेंगू मरीजों की पुष्टि हो चुकी है वहीं ग्रामीण क्षेत्र मात्र 60 मरीज मिले हैं।

निजी अस्पतालों में 200 से अधिक मरीज
डेंगू से पिछले माह माडल टाउन वासी एक महिला को लुधियाना अस्पताल में इलाज दौरान जान गंवानी पड़ी। शहर के विभिन्न प्राइवेट अस्पतालों में इन दिनों 200 से अधिक मरीजों का इलाज चल रहा है, जबकि 150 से अधिक मरीज अपना इलाज करा चुके हैं। बावजूद इसके डेंगू के डंक से निबटने की दिशा में सिस्टम सोया हुआ है।

शहर में कई स्थानों पर डेंगू के मच्छर पनप रहे हैं, लेकिन इनके सफाए के लिए न स्वास्थ्य विभाग अलर्ट दिख रहा और न नगर निगम। स्वास्थ्य विभाग की ओर से अस्पताल में 17 बेड का डेंगू वार्ड तैयार किया गया है। वहीं मलेरिया विभाग की ओर से शहरवासियों को डेंगू की बीमारी प्रति जागरूक करने के लिए अभी तक कोई मुहिम शुरू नहीं की गई।

पॉश इलाकों में भी खतरा
एडीज मच्छर एसी कूलर, फ्रिज के अंदर जमा पानी में पनपता है। लिहाजा वीआईपी क्षेत्रों में भी इसके प्रति सचेत रहने की जरूरत है।


यूं संभव है इलाज
डेंगू बुखार का इलाज लक्षण के आधार पर किया जाता है। बुखार, उल्टी, पेट दर्द, सिर दर्द और कमजोरी दूर करने के लिए दवाएं दी जाती हैं। मरीज की नब्ज और ब्लड प्रेशर की निगरानी की जाती है। प्लेटलेट्स दस हजार से कम होने पर डॉक्टर प्लेटलेट्स चढ़ाने की सलाह देते हैं।

कुछ कार्यक्रमों पर कोरोना प्रभाव पड़ा
सिविल सर्जन बठिंडा डा. अमरीक सिंह संधू ने कहा कि लोग कोरोना के साथ-साथ डेंगू के प्रति भी सावधान रहें। स्वच्छता पर ध्यान दें और मच्छर से बचकर रहें। उन्होंने बताया कि विभाग की मलेरिया विंग की टीम क्षेत्र में लारवा की जांच के साथ ही लोगों को जागरूक भी कर रही है। कोरोना के कारण विभाग के कुछ जरूरी कार्यक्रमों पर प्रभाव पड़ा है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
376 dengue patients from 316 urban areas, 60 positive from villages, negligence of corporation heavy on city dwellers


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/35UYqY2
via IFTTT

No comments:

Post a Comment

New video by Dr. Vivek Bindra: Motivational Speaker on YouTube - go check it out ;-)

Watch on YouTube here: बेटे की शादी में अंबानी की कंजूसी! #OneMinuteBusinessIdea #Shorts Via Christian Gasper