कोरोना के कारण लोगों का लाइफ स्टाइल बदल गया है। साथ ही लोग के कारण तनाव की ओर जा रहे हैं। समय पर न सोने और सुबह देर से उठने की वजह से खान-पान भी बिगड़ गया है। यही वजह है कि लोग कोरोना काल में दिल की बीमारी के शिकार हो रहे हैं। जानकारों का मानना है कि कोरोना के चलते हॉस्पिटल में क्वारेंटाइन और होम आइसोलेशन की वजह से कई लोगों में तनाव बढ़ा है।
इसी के चलते कई लोग नशा करने लगे हैं। ऐसे में भी दिल की बीमारियां बढ़ रही हैं। पीजीआई के एडवांस कार्डियक सेंटर के प्रो. राजेश विजयवर्गीय कहते हैं कि दिल को दुरुस्त रखना है तो सबसे पहले लाइफ स्टाइल और साथ ही अपना खान-पान भी ठीक करना होगा। हाईजीन फूड ज्यादा खाने होंगे।
कोरोना काल में जिन लोगों को पहले से डायबिटीज या दिल की बीमारियां हैं उन्हें ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। प्रो. विजयवर्गीय ने कहा कि कोरोना से होने वाली मौतों में दिल के मरीजों की संख्या ज्यादा है।
प्रो. राजेश ने बताया कि चाहे छोटे बच्चे हों या बुजुर्ग कोरोना की वजह से उनकी दिनचर्या में बदलाव आया है। छोटे बच्चे इन दिनों स्कूल नहीं जा रहे हैं।
इसकी वजह से वे देर तक जागते हैं, उनके साथ उनके परिजन भी देर तक जागते हैं। लोग नाश्ता, लंच और डिनर भी देरी से करने लगे हैं। कोरोना के डर से लोग घरों में ही रह रहे हैं। इससे फिजिकल एक्टिविटी कम हो गई है। लोग वॉक पर भी कम जा रहे हैं।
फिट रहने को फिजिकल एक्टिविटीज बढ़ाएं...
लाइफ स्टाइल को पटरी पर लाने के लिए फिजिकल एक्टिविटीज को बढ़ाना होगा। छोटी उम्र से लेकर बुजुर्गों तक में यह समस्या आम होती जा रही है। उन्होंने कहा कि दिल की बीमारी से बचने के लिए तनाव से बचना होगा। क्योंकि तनाव की वजह से कई बीमारियां होती हैं। तनाव की वजह से ब्लड प्रेशर भी बढ़ता है और यह कई बीमारियों का कारण बनता है।
इसलिए जहां तक संभव हो तनाव से दूर रहें। तनाव की वजह से मस्तिष्क में कुछ ऐसे केमिकल बनते हैं, इससे हमारा दिल ठीक से काम नहीं करता और इसी वजह से हार्ट अटैक आते हैं।
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