(अमित शर्मा) पंचकूला सेक्टर-5 पुलिस थाने में धोखाधडी, आईटी एक्ट का चौंकाने वाला मामला दर्ज किया गया है। जिसमें पंचकूला डीसीपी का सरकारी नंबर इस्तेमाल कर और खुद को डीसीपी बताकर एक शख्स की ओर से एएसआई को मामला दर्ज करने से रोका गया।
वहीं पुलिसकर्मी को कहा कि वो लडाई-झगड़े के मामले में अभी केस दर्ज नहीं करेगा, लेकिन जब सुबह उसे ऑफिस में भी हाजिरी लगाने का फरमान सुनाया गया। तो जाकर मामले में खुलासा हुआ। जिसके बाद सेक्टर-5 पुलिस थाने में मामला भी दर्ज किया गया है।असल में हुआ यूं कि सेक्टर 9 की मार्केट में लेट नाइट तक खुले रहने वाले पर्पल फ्रॉग नाम के एक कैफे में 27 अगस्त 2020 को लड़ाई हो गई थी। जिसके चलते राकेश कुमार नाम के युवक ने पुलिस को मामले की शिकायत दी थी।
इस मामले की जांच कर रहे एएसआई सविंद्र सिंह के पास 28 अगस्त को पीरमुछल्ला के इंपीरियल टावर निवासी मनिल मोंगिया नाम का युवक पुलिस चौकी में आया। जहां उसने कहा कि दोनों पक्षों में समझौता हो रहा है। ऐसे में अभी मामला दर्ज न किया जाए। इस दौरान उसने कई बड़े पुलिस अधिकारियों से जान पहचान होने का भी हवाला दिया।
वहीं बार-बार एएसआई सविंद्र को पंचकूला के डीसीपी से कॉल करवाने की भी बात कही।सविंद्र को आई डीसीपी की कॉल और बातचीत: मनिल मोंगिया के ऐसे कहने के कुछ देर बाद ही सविंद्र सिंह के मोबाइल नंबर 8847261367 पर पंचकूला के डीसीपी के सरकारी नंबर 8146630005 से एक कॉल आई। कॉल रसीव करने पर सामने वाले ने कहा, कि मैं मोहित बोल रहा हूं।
जो आपके पास पर्पल फ्रॉग के पास लडाई-झगड़े की दरख्वास्त आई है, इसके बारे में क्या कर रहे हो। इस पर सविंद्र ने कहा कि सर इस दरख्वास्त की तस्दीक कर रहा हूं। इस पर कॉल करने वाले और खुद को मोहित बताने वाले ने कहा कि अभी इस पर कुछ नहीं करना है। आप सुबह मुझ से आकर मिले। पार्टी को जाने दो।
नंबर डीसीपी का लेकिन फोन किसी और ने किया...इस कॉल के कट होने के बाद सविंद्र के पास मनिल मोंगिया दोबारा से आया और कहा कि डीसीपी का कॉल तुम्हारे पास आ गया है। हमने डीसीपी से कल का टाइम ले लिया है। जिसके बाद वह चला गया। वहीं अगले दिन सविंद्र सिंह सेक्टर-1 स्थित डीसीपी ऑफिस में पहुंचे।
जहां उन्होंने डीसीपी को बताया कि उसके पास आपके सरकारी नंबर से शाम के समय कॉल आई थी। कहा था कि मुझ से आकर मिलें। जिस पर डीसीपी ने कहा कि मैंने आपको कोई कॉल नहीं की थी। मेरे पास तो आपका पर्सनल नंबर भी नहीं है। इसके बाद डीसीपी ने सविंद्र को इस मामले में साइबर सेल को शिकायत देने के लिए कहा। जिसके बाद यहां सेक्टर-5 पुलिस थाने में सविंद्र की शिकायत पर आईपीसी की धारा 170, 186, 419, 420, आईटी एक्ट 66सी के तहत मामला दर्ज किया गया है।
ये हैं टेक्निकल पॉइंट साइबर एक्सपर्ट्स नितिन जिंदल के अनुसार इंटरनेट पर ऐसे बहुत से सॉफ्टवेयर मौजूद है, जिनका इस्तेमाल कर सामने वाले के किसी भी नंबर से कॉल की जा सकती है। यानी कॉल करने वाला जो नंबर दिखाना चाहेगा, वह नंबर स्क्रीन पर आएगा। इस ट्रिक के जरिए भी धोखाधड़ी की जाती है। वहीं ये काम सैटेलाइट फोन, नंबर के जरिए भी किया जा सकता है। इसे कॉल डिटेल और साइबर एक्सपर्ट्स की मदद से पकड़ा जा सकता है।
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