कोरोना के नाम पर मरीजों को गुमराह कर अस्पताल में दाखिल करने व मरीजों के परिजनों से पैसे बटोरने के मामले आए दिन सामने आ रहे हैं। इसी तरह का एक मामला बठिंडा वासी अशोक कुमार सिंगला के साथ अजीत रोड स्थित एक प्राइवेट अस्पताल में हुआ। इसमें जब मरीज के परिजनों ने मरीज को अस्पताल से छुट्टी देने के संबंध में अस्पताल के डाक्टर से संपर्क किया तो उन्हें कहा गया कि कोरोना पॉजिटिव केस होने के कारण अस्पताल में ही रखना पड़ेगा।
जब परिजनों ने अपनी मजबूरी बताई व कहा कि उन्हें इमरजेंसी है व अस्पताल से छुट्टी लेना जरूरी है तो डाक्टर ने कहा कि यह मरीज के लिए रिस्क है। मामले में परिजनों की तरफ से अस्पताल पर आरोप लगाया कि जब कोरोना टेस्ट किया ही नहीं गया तो फिर पॉजिटिव या नेगेटिव होने की बात कहां से आ रही है तो इसके बाद डाक्टर ने फिर से मरीज के परिजनों को फोन कर कहा कि वह तो मजाक कर रहा है। यही नहीं इसके बाद डाक्टर अपने स्टाफ के कर्मी को फोन पर हिदायत देता है कि जब तक मरीज दाखिल रहा उसका बिल बना दो व डिस्चार्ज कर दो।
मरीज व डाक्टर के बीच हुई उक्त बातचीत की ऑडियो सोशल मीडिया में जहां वायरल हो रही है वहीं परिजनों ने इस बाबत राज्य के सेहत मंत्री व सिविल सर्जन को ऑडियो व लिखित शिकायत देकर शहर में कोरोना बीमारी के नाम पर हो रही लूटपाट को रोकने व इस तरह के अस्पताल संचालकों पर कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है। गौरतलब है कि इससे पहले भी जिले में कई अस्पताल संचालकों के खिलाफ शिकायतें मिलती रही है कि वह महामारी के इस दौर में मरीजों को जहां भयभीत कर मनमानी फीस व चार्ज वसूल कर रहे हैं वहीं विरोध करने पर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करवाने की धमकियां दी जा रही है।
शिकायत मिली ताे हाेगी कार्रवाई : सीएस
सिविल सर्जन डा. अमरीक सिंह संधू ने कहा कि मोबाइल पर वायरल हुई ऑडियो के बारे में पता चला है, इस संबंध अगर मरीज की ओर से कोई भी लिखित शिकायत आएगी तो विभाग द्वारा अवश्य कार्रवाई की जाएगी। फिर भी इस मामले की जांच करवाई जाएगी।
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