केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ रेलवे स्टेशन पर दिया जा रहा धरना शुक्रवार को 30वें दिन में प्रवेश कर गया। इस मौके किसानों द्वारा केंद्र सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की गई। इस रेल रोको अांदोलन को किसान नेता गुरनाम सिंह जसड़ां, रुपिंदर सिंह रूपा, सुरजीत सिंह ढेर ने संबोधन करते हुए कहा कि केंद्र की मोदी सरकार द्वारा जो कानून पास किए गए हैं, यह किसान विरोधी हैं।
इससे खेती नहीं बचेगी। आज देश भर में किसान इन काले कानूनों के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं। यह किसान मोदी सरकार के खिलाफ आरपार की लड़ाई लड़ रहे हैं। आंदोलन को और तेज करने के लिए 5 नवंबर को चक्का जाम किया जाएगा। इसके साथ ही 26 और 27 नवंबर को दिल्ली का घेराव किया जाएगा। इसकी तैयारी के लिए 31 नवंबर को जिले के किसान संगठनों की मीटिंग रेलवे स्टेशन पर की जाएगी।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में यह कानून पास करवा दिया कि जो किसान पराली को आग लाएगा उसको पांच साल की सजा और एक करोड़ जुर्माना होगा। किसान नेताओं ने कहा कि 51 फीसदी प्रदूषण फैक्ट्रियां फैला रही है जबकि किसानों का प्रदूषण नाममात्र है।
पराली को आग लगाना किसान का कोई शौक नहीं है। वह मजबूरी में पराली जलाता है क्योंकि पराली को संभालने के लिए किसान का खर्चा बहुत आता है। इस मौके सतनाम सिंह माजरी जट्टां, कुलवंत सिंह सैनी सराड़ी, जैलदार गुरचरन सिंह रोपड़, कुलविंदर सिंह पंजोला, अवतार सिंह पुरखाली, राम लोक बहादरपुर, रणजीत सिंह पतियाल, निर्मल सिंह लोदीमाजरा, दलजीत कौर, हरदीप सिंह राए, रूपी गिल माजरी जट्टां, जसपाल सिंह पंजोला, शरनजीत सिंह पंजोला व बंटी रोपड़ मौजूद थे।
इसी तरह टोल प्लाजा पर किसानों द्वारा दिया जा रहा धरना आज 22वें दिन में प्रवेश कर गया। यहां जैलदार सतविंदर सिंह चैडीयां, सरपंच सतनाम सिंह बहरामपुर, दिलवर सरपंच पुरखाली, अवतार सिंह, सुखविंदर सिंह, मेवा सिंह, जरनैल सिंह, हरमन सिंह, हरदीप सिंह, बरिंदर सिंह, बलजीत सिंह, जसपाल सिंह, मनदीप सिंह, आदि मौजूद थे।
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