कोरोना महामारी के चलते शहर का हेल्थ सिस्टम अपग्रेड हुआ। हमारी लिए अच्छी बात थी लॉकडाउन के दौरान हमारे यहां केस कम थे। प्रशासन ने इस वजह से पहले सभी तैयारियां कर लीं। ताकि भविष्य में किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार रहा जा सके। मैं, 35 साल से हेल्थ डिपार्टमेंट का हिस्सा रहा हूं।
यह महामारी मेरे लिए भी बहुत बड़ी लर्निंग थी। लेकिन हमारी टीम ने इसे चुनौती के रूप में लिया, उसमें हम कुछ हद तक सफल भी रहे। यह बात डायरेक्टर हेल्थ सर्विसेज के पद से रिटायर होने के बाद डॉ. जी दीवान ने भास्कर से बातचीत में कहीं।
कोरोना पर कंट्रोल करने में और सुधार की जरूरत है?
सबसे पहले समझने की जरूरत है। यह महामारी है। इसकी चेन बनती है, इसकी वजह से संक्रमण फैलता है। हम इसे पीक नहीं कहते हैं, जो सर्ज आई थी, वह नीचे की ओर जा रही है। जो मार्च में डर था वो डर नहीं हैं। लोग एक्सेप्ट करने लगे हैं कि हमें कोरोना के साथ रहना है। लेकिन हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर का सवाल है तो मुझे लगता है वह ठीक है।
लोग भी अपने स्तर पर मास्क, सेनेटाइजर, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं। जहां तक सुधार की गुजाइंश का सवाल है तो यह तो हमेशा रहेगी। कोरोना नया वायरस है। इसलिए इसमें तो सुधार की हमेशा जरूरत रहेगी।
क्या इंफ्रास्ट्रक्चर पर्याप्त है या कुछ कमी है ?
हमने कोविड केयर सेंटर में 2500 बेड की व्यवस्था की थी। मरीज जिस दर से ठीक हो रहे हैं। इन सेंटरों में बेड खाली पड़े हैं। चंडीगढ़ का रिकवरी रेट 78.78 फीसदी पहुंच गया है। हां, कोविड सेंटरों में अभी मरीज हैं, वहां पर थोड़ी बेड्स की कभी-कभी कमी हो जाती है। लेकिन फिर भी चंडीगढ़ में अभी दिक्कत नहीं हैं। केसेज की संख्या कम हो रही है। अभी नहीं कहा जा सकता कि अब केस नहीं बढ़ेंगे।
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